ऑनलाइन कक्षा और मेरे नवाचार

 


ऑनलाइन कक्षा और मेरे नवाचार

 

            कोविड-19 के कारण हम सभी सामान्य रूप से कक्षा पढ़ाने में असमर्थ थे लेकिन अध्ययन-अध्यापन कार्य को रोकना असंभव था।  कहा जाता है 'आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है' हमारी अध्यापन की आवश्यकता ने हम सभी को ऑनलाइन कक्षा की ओर अग्रसर किया । यह पहला प्रयास चुनौतियों से पूर्ण एवं आश्चर्यजनक था लेकिन विद्यार्थियों ने और हम सभी शिक्षकों ने नवाचार के माध्यम से इसे अध्ययन-अध्यापन के क्षेत्र में बेहद अनुकूल बना लिया ।  तकनीक और कक्षा शिक्षण का बहुत करीबी रिश्ता नहीं रहा है, चॉक-डस्टर से चलने वाला अध्यापन कार्य कक्षाकक्ष से निकलकर मोबाइल और लैपटॉप के माध्यम से ऑनलाइन हो गया है।

 

ऑनलाइन शिक्षा की चुनौतियां

            ऑनलाइन शिक्षा निश्चित रूप से बहुत चुनौतीपूर्ण कार्य था यह केवल शिक्षकों के लिए ही नहीं अपितु विद्यार्थियों के लिए भी नया अनुभव था। जिन विद्यार्थियों ने कक्षा में बैठकर अपने गुरुजनों से ज्ञान प्राप्त किया था । आज वे कंप्यूटर और मोबाइल के सामने बैठकर सीख रहे हैं । यह कार्य इतना आसान नहीं था क्योंकि विद्यार्थियों के पास मोबाइल फोन  का न होना , एक ही घर में सभी भाई-बहनों को अपनी-अपनी कक्षाओं को एक साथ पढ़ना , साथ ही निरंतर प्रयोग से विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को भी ध्यान में रखना , अच्छे नेटवर्क की समस्या, बिजली की समस्या,  स्वास्थ्य संबंधित चुनौतियां और शिक्षकों के लिए भी मोबाइल फोन के माध्यम से रचनात्मक कार्य करना एक चुनौती था । लेकिन शिक्षकों ने इन तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए शिक्षक के एक नए रूप ऑनलाइन शिक्षक की सर्जना की।

 

ऑनलाइन शिक्षा की उपलब्धियां

            ऑनलाइन शिक्षा ने अभिभावकों के साथ साथ विद्यार्थियों की और शिक्षकों की बढ़ती हुई चिंताओं का समाधान भी कर दिया । विद्यार्थियों और शिक्षकों ने त्वरित रूप से इस व्यवस्था को आत्मसात करते हुए गुणवत्तापूर्ण अध्ययन-अध्यापन कार्य प्रारंभ कर दिया। आज सभी विद्यार्थी ठीक उसी प्रकार अध्ययन कर रहे हैं जैसे कक्षा कक्ष के दौरान करते थे वे स्क्रीन पर आकर उसी हाव-भाव के साथ पुस्तकें पढ़ रहे हैं जैसे वे कक्षा में पढ़ते थे, नियमित अपना गृह  कार्य पूर्ण कर रहे हैं। नोटबुक बनाना, प्रश्न अभ्यास करना, परियोजना कार्य पूर्ण करना आदि कार्य विद्यार्थी बड़ी ही आसानी से करने लगे हैं।

 

ऑनलाइन शिक्षा पद्धति और मेरे नवाचार

मैं एक हिंदी शिक्षक हूं और सर्वविदित है कि तकनीक के क्षेत्र में हिंदी भाषा को अपनी दूनी शक्ति के साथ जूझना पड़ता है लेकिन छात्र हित को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन कक्षा को रुचिकर बनाने के प्रयास शुरू किए । गूगल मीट के माध्यम से ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं इसके दौरान विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तक शेयर करना, वीडियो दिखाना, पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से अध्यापन कार्य करना आदि कार्य प्रारंभ किए।

 

ब्लॉग (https://patidarsuresh.blogspot.com)



            मैंने अपने ब्लॉग के माध्यम से विद्यार्थियों की कई समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया ।  विद्यार्थियों को अध्ययन सामग्री पहुंचाने का कार्य किया । सभी विद्यार्थी ब्लॉग  की उपयोगिता से परिचित हुए, अब वे आसानी से अपनी आवश्यकताओं की सामग्री मेरे ब्लॉग  से जुटाने में सक्षम है । मैंने अपने ब्लॉग के माध्यम से कक्षा 6 ठी से लेकर कक्षा 12 वीं तक के विद्यार्थियों के लिए कई महत्वपूर्ण अध्ययन सामग्री प्रेषित की जिसे विद्यार्थी अपनी सुविधा अनुसार कभी भी , कहीं भी पढ़ने में सक्षम हुए।

मेरे ब्लॉग पर उपलब्ध सामग्रियों में मुख्य हैं पाठ्यक्रम 2020-21, पाठ्य पुस्तकें, वीडियो लिंक, प्रश्न-पत्र प्रारूप, व्याकरण, प्रश्न-उत्तर अभ्यास, मेरी स्वरचित रचनाएं, शब्दकोश, प्रश्नोत्तरी, महत्वपूर्ण संकलन आदि। साथ ही मैं अपने ब्लॉग को नियमित रूप से अद्यतन कर रहा हूं।

 

YouTube channel (https://www.youtube.com/user/patidarsuresh/videos?view_as=subscriber)



            नवाचार के अगले क्रम में मैंने अपना यूट्यूब चैनल बनाया और कक्षा बारहवीं की पाठ्य पुस्तक की कविताओं की व्याख्या करते हुए वीडियो बनाकर उसे यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया। विद्यार्थियों ने अपनी सुविधा अनुसार इन्हें देखा और भावार्थ समझने का प्रयास किया । कक्षाकक्ष अध्यापन के दौरान जो कविता एक या दो बार समझाई जाती थी, विद्यार्थी आज वीडियो के माध्यम से उसे कई बार देखने में सक्षम हुए। आगे भी यह प्रयास जारी रहेगा।

 

गूगल क्लासरूम (https://classroom.google.com/u/0/c/MTE2NzA2MTAzMjY4)



गूगल क्लासरूम के माध्यम से अध्ययन सामग्री तो प्रेषित की ही जा रही है साथ ही विद्यार्थी भी अपने गृह कार्य को भी अपलोड कर रहे हैं यहां विद्यार्थियों का निरीक्षण करना आसान हो गया है।

 

गूगल फॉर्म (https://docs.google.com/forms/u/0/)



            इसके माध्यम से अनेक पाठों की प्रश्नोत्तरी बनाई गई और विद्यार्थियों को पुनरावृत्ति कार्य करवाया। इसके माध्यम से कक्षा 12वीं की आवधिक परीक्षा 1  भी वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के माध्यम से संपन्न करवाई । यह माध्यम भी विद्यार्थियों के लिए बहुत रुचि पूर्ण है।

 

गूगल शीट (https://docs.google.com/spreadsheets/u/0/)


            मैंने सभी कक्षाओं के चार-चार विद्यार्थियों के समूह बनाएं और उनमें एक विद्यार्थी को नेतृत्वकर्ता बनाया । परिणाम स्वरूप सभी विद्यार्थियों का अवलोकन करना आसान हुआ और विद्यार्थियों के अंदर भी स्वस्थ प्रतियोगी भाव विकसित हुआ । गूगल शीट के माध्यम से विद्यार्थी अपने किए गए कार्य का डेटा उपलब्ध करवाते हैं और देखते हैं कि किस समूह का कार्य ज्यादा पूर्ण है और कौन-से समूह का कार्य पीछे चल रहा हैं ।

 

नवाचार शिक्षकों के लिए

            यह ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था शिक्षकों के लिए भी बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हुई हैं । विशेषकर जिन शिक्षकों को तकनीकी शिक्षा का अवसर नहीं मिला है उनके लिए तो यह बेहद चुनौतीपूर्ण है।  मैंने अपने प्रयासों से अपने साथियों को भी ऑनलाइन शिक्षण कार्य को सुगम बनाने में मदद की । उनको गूगल मीट का प्रयोग, उसके माध्यम से उपस्थिति लेना, ब्लॉग बनाना, ब्लॉग के माध्यम से सामग्री प्रेषित करना,  गूगल फॉर्म के द्वारा वस्तुनिष्ठ प्रश्न पत्र तैयार करना, जेम बोर्ड के माध्यम से लेखन कार्य करना आदि सिखाने का प्रयास भी किया।

 

            अंत में मैं इतना ही कहना चाहूंगा कि मैंने सभी  वाचार कार्य किए हैं और आगे भी यह प्रयास करता रहूंगा ।

 

चुनौतियां कम नहीं है लेकिन हार नहीं मानेंगे ।

अपने अथक परिश्रम से नवाचार करते रहेंगे ॥

 

जय हिंद जय भारत

 

सुरेश कुमार पाटीदार

स्नातकोत्तर शिक्षक ( हिन्दी)

केंद्रीय विद्यालय महू

अवकाश हेतु प्रार्थना पत्र।