मकर संक्रांति

स्वरचित दोहा
काल मकर संक्रांति का, गुड़ तिल की है थाल ।
मुँह मीठा कर जाइए , नहीं चूकिए लाल। । 
अवकाश हेतु प्रार्थना पत्र।