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सहर्ष स्वीकारा है - गजानन माधव मुक्तिबोध
सहर्ष स्वीकारा है - गजानन माधव मुक्तिबोध
त्वरित पुनरावृत्ति हेतु प्रश्ननोत्तरी
नाम *
केंद्रीय विद्यालय का नाम *
संभाग *
1. सहर्ष स्वीकारा है - से अभिप्राय है *
1 point
2. कवि का संबोध्य कौन है ? *
1 point
3. कवि क्या सहर्ष स्वीकारता है ? *
1 point
4. गरीबी के लिए किस विशेषण का प्रयोग किया गया है ? *
1 point
5. जाने क्या रिश्ता है, जाने क्या नाता है जितना भी उँड़ेलता हूँ, भर-भर फिर आता है *
1 point
6. मुसकाता चाँद ज्यों धरती पर रात-भर मुझ पर त्यों तुम्हारा ही खिलता वह चेहरा है! *
1 point
7 सचमुच मुझे दंड दो कि भूलूँ मैं भूलूँ मैं- कवि कौन -सा दंड चाहता है ? *
1 point
8. दक्षिण ध्रुवी अंधकार-अमावस्या शरीर पर, चेहरे पर, अंतर में पा लूँ मैं झेलूँ मैं, उसी में नहा लूँ मैं - कवि ऐसा क्यों चाहता है? *
1 point
9. इसलिए कि तुमसे ही परिवेष्टित आच्छादित रहने का रमणीय यह उजेला अब सहा नहीं जाता है।नहीं सहा जाता है।-से क्या अभिप्राय है? *
1 point
10. ममता के बादल की मँडराती कोमलता-भीतर पिराती है- संभवतः कवि कहना चाहता है कि- *
1 point
11. कमजोर और अक्षम अब हो गई है आत्मा यहछटपटाती छाती को भवितव्यता डराती है बहलाती सहलाती आत्मीयता बरदाश्त नहीं होती है!!- संभवत: कवि का मानना है कि - *
1 point
12. लापता कि वहाँ भी तो तुम्हारा ही सहारा है!!- किसे और किसका सहारा है ? *
1 point
13. इसलिए कि जो कुछ भी मेरा है या मेरा जो होता-सा लगता है, होता-सा संभव है सभी वह तुम्हारे ही कारण के कार्यों का घेरा है, कार्यों का वैभव है- कवि स्वीकार करता है कि - *
1 point
14. कविता में क्या विरोधाभास है ? *
1 point
15. कविता के अंत में कवि क्या स्वीकार करता है ? *
1 point
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